चार साल से कठोर तप में लीन है संत दिगंबर दिवाकर.. जानिए उनके जिन्दा रहने का राज..

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हरिद्वार में महाकुंभ मेले को लेके लगभग सभी तैयारियां हो चुकी हैं और अब इसके साथ – साथ पेशवाइयों की तैयारियां हो रही हैं। आपको बता दें की पंचायती अखाड़ा श्री निरंजनी की भव्य पेशवाई बुधवार को निकाली गई जिसे देखने के लिए श्रद्धालुओ की भीड़ इक्कठा हो गई। राज्य के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र भी इस अवसर पर मौजूद रहे। सीएम ने संतों से मुलाकात करी और साथ ही पेशवाई शुरू होने पर सीएम त्रिवेंद्र ने पेशवाई के लिए मौजूद सभी संत-महात्माओं को फूल माला पहना कर उनका आशीर्वाद लिया।

महाकुंभ में पुण्य प्राप्त करने के लिए देश-विदेश के संत हरिद्वार पहुंचे हुए हैं। इनमें कई संत ऐसे हैं। इसे ही एक संत है जिनका नाम संत दिगंबर दिवाकर है, जिन्होंने अपनी कठोर तपस्या करके साढ़े चार साल से बाएं हाथ को ऊपर कर तपस्या की, जिन्हे देखकर सभी लोग हैरान है।

महाकुंभ में आए संत दिगंबर दिवाकर भारती का कहना हैं कि उनकी ये तपस्या जीवनभर जारी रहेगी,बाबा उत्तराखंड के नैनीताल और पश्चिम बंगाल के आसनसोल में भी तपस्या कर चुके हैं, और आपको बता दें की दिगंबर दिवाकर भारती एसएमजेएन कॉलेज में बनी श्री निरंजनी अखाड़े की अस्थायी छावनी में ठहरे हुए हैं और साथ ही उन्होंने हिमालय में अलग-अलग स्थानों पर कठोर तपस्या भी करी है। और पिछले एक साल से बाबा औरंगाबाद में तपस्यारत हैं।

बाबा दिगंबर दिवाकर भारती कहना हैं कि भगवान की इच्छा होने पर ही मनुष्य अपने शरीर पर नियंत्रण रख सकता है। मनुष्य का सबसे बड़ा कर्म भगवान से लगाव रखना ही है। उन्होंने बताया की बीएस वो पिछले छह साल से फल खाते हैं। बाबा इससे पहले भी प्रयागराज कुंभ में भी आए थे। बाबा ने बताया की वो 11 मार्च को होने वाले महाशिवरात्रि के शाही स्नान के लिए हरिद्वार पहुंचे हैं।

मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र ने कहा कि कोविड-19 को देखते हुए केंद्र सरकार की गाइडलाइन का पालन करते हुए कुंभ को दिव्य और भव्य बनाने के लिए हर व्यवस्था बनाई गई है।

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