जैसा कि हम सब जानते ही हैं कि इन दिनों देवनगरी हरिद्वार में कुंभ मेला जोरो शोरो से चल रहा है। जगह जगह से बैरागी संत और श्रद्धालु कुम्भ मेले का भाग बनने आ रहे हैं। कुम्भ मेले के कारण इन दिनों हरिद्वार में काफी भीड़ है और वातावरण पूरा भक्तिमय हो रखा है। लेकिन इस बीच अब मेला अधिकारी दीपक रावत और बैरागी संतों के बीच वाद विवाद हो गया। बैरागी संत दीपक रावत से शिकायत लेकर गए कि कुम्भ मेले में संतों के लिये राशन पानी की व्यवस्था अच्छी नहीं है।
इस मामले पर दीपक रावत और संतों के बीच काफी बहस हुई और मेला अधिकारी दीपक रावत ने भी अपना आपा खो दिया। बैरागी संत कुंभ मेले की व्यवस्थाओं को लेकर प्रशासन सड़ बिल्कुल भी संतुष्ट नहीं है। लेकिन सोचने वाली बात यह है कि जब मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत हरिद्वार पहुंचे। तो उन्होंने बैरागी संतों से कुंभ मेले की व्यवस्थाओं के बारे में चर्चा की। लेकिन उस समय सभी संतों ने मुख्यमंत्री को कहा कि वे कुंभ मेले की व्यवस्थाओं से पूरी तरह संतुष्ट हैं।
मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत के सामने संतों का व्यवहार बिल्कुल शांत था। उन्हें तब मेले की व्यवस्थाओं से बिल्कुल भी नाराजगी नहीं थी। खबर यह भी आ रही है कि अधिकारियों ने बैरागी संतों से आग्रह किया था कि वे मुख्यमंत्री के सामने खरक़ब् व्यवस्थाओं को लेकर बिल्कुल भी बातचीत ना करे। क्योंकि अगर ऐसा होता तो अधिकारियों के लिये मुख्यमंत्री को जवाब देना मुश्किल हो जाता। अधिकारियों ने बैरागी संतों को आश्वासन दिया था कि वे मुख्यमंत्री के जाने के बाद संतों को सारी व्यवस्थाएं प्रदान करेंगे। इसलिए बैरागी संत मुख्यमंत्री के सामने कुछ नहीं बोले।
लेकिन जब अधिकारियों ने अपना वादा पूरा नहीं किया तो संत मेला अधिकारी दीपक रावत पर भड़क उठे। संतों ने दीपक रावत पर आरोप लगाया कि वह अपने लालच के कारण यह कुंभ मेला ढंग से होने नहीं देना चाहते हैं। जवाब देते हुए मेला अधिकारी ने कहा कि उन्हें मेले से कोई लालच नहीं है। माला थोड़ी देर बाद शांत हो गया। फिर कुम्भ मेला अधिकारी ने बैरागी संतों के लिए अच्छी व्यवस्था के आदेश दिये। दीपक रावत से सीनियर मेला अधिकारी हरवीर सिंह ने कहा कि संतों के लिये सभी व्यवस्थाएं की जा रही है। अब उन्हें शिकायत का कोई मौका नहीं दिया जाएगा।