शोपियां फेक एनकाउंटर: 20 लाख के इनाम से सेना ने किया इंकार, कहा आर्मी कभी भी नगद पुरूस्कार नहीं देती…

0
Sopiyan fake encounter case army says Indian Army never gives cash prize

सोमवार को सेना ने इस बात को इनकार किया कि अम्शीपुरा में एक फर्जी मुठभेड़ में अनुशासनात्मक कार्यवाही का सामना कर रहे उनके ही कैप्टन ने 20 लाख रुपए के पुरस्कार के लिए आतंकवादियों को मारा। सेना ने इस मामले में जम्मू-कश्मीर पुलिस की तरफ से दायर आरोपपत्र का एक तरह से प्रतिवाद करा है। कर्नल राजेश कालिया श्रीनगर में जो रक्षा प्रवक्ता है उन्होंने, एक संक्षिप्त बयान जारी कर कहा कि सैन्यकर्मियों के लिए युद्ध के हालात या ड्यूटी के दौरान किसी तरह की कार्रवाई के लिए नकद पुरस्कार की व्यवस्था ही नहीं है।

यह खबरें मीडिया में ऐसे चल रही है कि अम्शीपुरा मुठभेड़ में 20 लाख रुपए के पुरस्कार के लिए आतंकवादियों को मारा गया। यह स्पष्ट किया जाता है कि भारतीय सेना में इसके कर्मियों के लिए युद्ध के हालात या ड्यूटी के दौरान किसी तरह की कार्रवाई के लिए नकद पुरस्कार की कोई व्यवस्था नहीं है।

यह भी पड़िए:17 साल के बच्चे ने गढ़ रत्न नरेंद्र सिंह नेगी को किया ब्लैकमेल.. दी धमकी..

और बयान में यह भी कहा गया है कि खबर भारतीय सेना की प्रक्रिया के तथ्यों पर आधारित नहीं है। जुलाई में तीन युवकों को पिछले वर्षआतंकवादी बताकर एक कथित फर्जी मुठभेड़ में मार गिराया गया था जिसमें घटना की जांच के लिए जम्मू-कश्मीर पुलिस की तरफ से गठित विशेष जांच दल ने अपने आरोपपत्र में कहा कि फर्जी मुठभेड़ के माध्यम से आरोपी कैप्टन भूपिंदर सिंह और दो अन्य नागरिकों बिलाल अहमद लोन और तबश नाजीर ने वास्तविक अपराध को जानबूझकर नष्ट कर दिया था।

जानबूझकर आपराधिक षड्यंत्र से गलत सूचना फैलाई ताकि 20 लाख रुपये की पुरस्कार राशि को हड़प सकें और सेना ने मामले में कोर्ट ऑफ इन्क्वायरी के आदेश भी दिए थे। 26 दिसंबर 2020 को पुलिस ने शोपियां के मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट के समक्ष आरोपपत्र दायर भी किया था।

यह भी पड़िए: दामाद को दहेज में नहीं मिली बाइक तो ससुर को बनाया बंधक, और घर में लगा डाली आग..

यह भी पड़िए:उत्तराखंड में युवाओं ने लिए खुशखबरी, पटवारी सहायक लेखाकार और प्रयोगशाला सहायकों के इतने पदो पर निकली भर्ती..

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here