बागेश्वर – कुंभ मेले में ड्यूटी के दौरान, 28 मार्च को कांस्टेबल गणेश नाथ का शव रायवाला में होटल के बाहर कार में बरामद हुआ था। बताया जा रहा है की उनकी ड्यूटी 13 मार्च से लगाई गई थी, और पुलिस ने हार्ट अटैक की आशंका जताई गई है। और आपको बता दें की, मंगलवार को उनका पार्थिव शरीर चादर में लपेट का उनके घर पहुंचा। वहीं उनके परिजनों ने गुस्सा जाहिर करते हुए कहा है की, शव की हालत ऐसी थी की, परिजन हाथ भी नहीं लगा पाए। उनके परिवारवालों ने पुलिस के ऊपर गुस्सा जाहिर किया है। परिजन गुस्सा इसलिए भी हैं क्योंकि उनका पार्थिव शरीर ताबूत के बजाय बिस्तर में लपेट कर लाया गया था। इसके वजह से मृतक की पत्नी, बच्चे, और इनके अलावा अन्य परिजन अंतिम दर्शन नहीं कर पाए।
शव गली अवस्था में था इसलिए मृतक की पत्नी बच्चे अंतिम दर्शन नहीं कर पाए। उनके परिवार समेत पूरे गांव वाले पुलिस के ऊपर भड़के हुए हैं। उन्होंने उत्तराखंड सरकार और उत्तराखंड पुलिस के ऊपर अपना गुस्सा जाहिर किया। वहीं थाना अध्यक्ष बैजनाथ पंकज जोशी की मौजूदगी में जवान को गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया।
इसके बाद जवान का अंतिम संस्कार किया गया। परिवारवाले के लगाए गए आरोप में कहा की, शव को बर्फ की सिल्ली में कपड़े में लपेट कर लाया गया था। शव के रक्त बहने पर हरिद्वार पुलिस ने परिजनों की सहमति से बिस्तर पर ही लाया गया होगा। पुलिस विभाग में फिलहाल ताबूत में शव लाना का प्रावधान नहीं है। शव का गले होने की जो बात है उसका पता तब लगेगा की शव कितने दिन पहले का है और वो पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बाद ही पता चलेगा।
वहीं जानकारी ये भी मिली है की, गणेश नाथ की पत्नी भी नैनीताल में पुलिस कांस्टेबल पद पर तैनात हैं, वहीं भाई राजस्थान पुलिस में हैं और चचेरा भाई उत्तराखंड पुलिस में है और चाची भी राजस्थान पुलिस में है। और उनके पिता भी पुलिस में थे जिनका निधन हो चुका है।