उत्तराखंड में मानव वन्यजीव से खतरा थम नहीं रहा है। हर रोज कोई न कोई उत्तराखंड के जिलों से जंगली जानवरों के हमले की दिल दहला देने वाली घटनाएं सामने आ रही हैं। न जाने कब ग्रामीण क्षेत्रों में लोग बिना डरे बाहर निकल पाएंगे। दिन-दहाड़े लोगों के ऊपर जंगली जानवर हमला कर रहे हैं और उनको या तो मौत के घाट उतार दे रहे हैं या फिर गंभीर रूप से घायल कर दे रहे हैं। लोग दिन में भी घर से बाहर निकलने में डर रहे हैं। हल्द्वानी मे भी इसी ही एक मामला सामने आया है। हल्द्वानी में गोलापार किशनपुर रेंज में घास काटने गईं दो महिलाओं के ऊपर सुबह 10 बजे एक बाघ ने जानलेवा हमला कर दिया और उसके बाद वहां पर हड़कंप मच गया।
दोनों घायल महिलाओं को सुशीला तिवारी अस्पताल में भर्ती कराया गया है और जहां पर उनका इलाज चल रहा है। हादसे के बाद से ही गांव में दर का माहौल दिखाई दे रहा है। वन विभाग के अधिकारी अब तक यह पता नहीं लगा पाए हैं कि हमला करने वाले जानवर तेंदुआ था या बाघ। घायल महिलाओं का कहना है कि जिस ने हमला किया वह बाघ ही था और हादसे के बाद से ग्रामीणों के बीच खौफ पसर गया है और वे डर के रहने पर मजबूर हैं।
मंगलवार की सुबह किशनपुर में रहने वालीं खट्टी देवी और मुन्नी देवी 15 महिलाओं के साथ किशनपुर रेंज से 10 मीटर दूर जंगल में घास लेने गई थीं और तभी अचानक वहां पर बाघ ने उन दोनों के ऊपर हमला कर दिया और मौके पर मौजूद अन्य महिलाओं के द्वारा शोर मचाने के बाद बाघ जंगलों की तरह वापस भाग गया और उन दोनों घायल महिलाओं को आनन-फानन में सुशीला तिवारी हॉस्पिटल ले जाया गया जहां पर उनका इलाज चल रहा है। बताया जा रहा है कि दोनों महिलाएं खतरे से खाली है।
समाजसेवी नीरज रैक्वाल का कहना है कि काफी समय से गांव में बाघ आसपास देखा गया था और इस बारे में वन विभाग को भी सूचित किया गया था मगर वन विभाग ने इस ओर कोई भी कदम नहीं उठाया और घायल महिलाओं को उचित मुआवजा देने की मांग की गई है साथ है तराई पूर्वी वन विभाग के एसडीओ ध्रूव सिंह ने कहा है कि दोनों महिलाओं की हालत खतरे से बाहर बताई जा रही है। और यह पता नहीं लग पाया है कि महिलाओं के ऊपर हमला करने वाला बाघ था ये तेंदुआ। बीते बुधवार की सुबह प्रतापपुर के गौलापार में एक और बाघ द्वारा लगातार हुए दो हमलों के बाद आखिरकार वन विभाग ने भी इस ओर सख्त कदन उठाया है और वन विभाग की टीम इस क्षेत्र में गश्त कर रही है।