भारतीय सुरक्षाबलों ने अंतर्राष्ट्रीय सीमा पर एक और सुरंग का पता लगाया है। यह सुरंग कठुआ के हीरानगर में मिली है और जो इसी सेक्टर में पिछले कुछ हफ्तों से पाक रेंजर जबरदस्त गोले बरसा रहे थे।पिछले साल 4 और 5 नवंबर की रात को अरनिया के पिंडी चाढ़का में भी एक सुंरग मिली थी जिसको नजर में रखते हुए अधिकारियों का कहना है कि पाकिस्तान ने जिला कठुआ के हीरानगर सेक्टर में अंतर्राष्ट्रीय सीमा के रास्ते पर आतंकियों की घुसपैठ कराने के इरादे से सुरंग का निर्माण किया था। जिसका बीएसएफ के सतर्क जवानों ने पता लगा लिया है।
सूत्रों के अनुसार माने तो एक अभियान के अभियान के तहत सुबह बोबिया गांव में इस सुरंग का पता चला है। सूत्रों का कहना है कि इस सुरंग की लंबाई करीब 150 मीटर है और साथ ही साथ इस सुरंग से सीमेंट की बोरियां भी बरामद हुई हैं, जिन पर पाकिस्तान के कराची शहर का मार्क बने हुए हैं। पाकिस्तान की पोस्ट के सामने से ही इस सुरंग को खोदा गया है।
एनएस जमवाल बीएसएफ के महानिरीक्षक ने कहा कि, इसके दूसरी तरफ पाकिस्तान का शकरगढ़ इलाका है जो आतंकवादियों के ठिकानों के लिए कुख्यात है और हमारे पास यह सूचनाएं हैं जिसके चलते हम यहां होने वाली गतिविधियों को लेकर सतर्क थे। उन्होंने कहा कि बोरियों पर मिले पाकिस्तानी चिन्ह इस सुरंग के निर्माण में पाकिस्तानी संगठनों का हाथ होने का दावा पेश करते हैं, जोकि पिछली बार पता लगाई गई सुरंगों की तरह ही 25 से 30 मीटर गहरी और 2 से 3 फुट व्यास की हैं। उन्होंने कहा कि यह जांच का विषय है कि सुरंग अभी बनाई गई है या पुरानी है इसका पता बाद ने चलेगा और रेत की बोरियों पर उत्पादन वर्ष 2016 और 17 ही है। ऐसे में यह पुरानी भी हो सकती है। जमवाल ने कहा कि बीएसएफ इस बात को लेकर पूरी तरह आश्वस्त है कि फिलहाल इस सुरंग से घुसपैठ नहीं हुई और आगे भी इस सुरंग के बारे में यह जांच का विषय बना हुआ है।
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