कोरोना महामारी से सभी लोग परेशान हैं। राज्य सरकार कह रही है कि ऑक्सीजन है, अस्पतालों में बेड की कमी नहीं है, लेकिन हकीकत ये है कि, मरीजों को न तो समय पर ऑक्सीजन मिल रहा है और ना ही अस्पतालों में बेड की सुविधा। उत्तराखंड में भी स्थिति दिन प्रति दिन बिगड़ती ही जा रही है। यहां हरिद्वार में भी वेंटिलेटर न मिलने से दो कोरोना संक्रमित अधिवक्ताओं की मौत हो गई। बता दें की, मरने वालों में एक महिला अधिवक्ता भी शामिल है।
खबर है की, रुड़की गंगनहर कोतवाली क्षेत्र के कृष्णानगर में रहने वाली महिला अधिवक्ता कुछ दिन पहले कोरोना पॉजिटिव पाई गई थीं। जिसके बाद उनकी तबीयत लगातार बिगड़ रही थी, और शनिवार को उनका ऑक्सीजन लेवल काफी नीचे आ गया था। फिर डॉक्टरों ने उन्हें वेंटिलेटर की सलाह दी थी, उसके बाद उनके परिजन वेंटिलेटर ढूंढ रहे थे, और एक निजी अस्पताल से बात भी चल रही थी, लेकिन वहां पर बेड खाली नहीं थे। महिला अधिवक्ता को समय पर वेंटिलेटर नहीं मिल पाया और आखिरकार महिला ने दम तोड़ दिया।
इसी ही एक और खबर आई जहां एडवोकेट एसोसिएशन लक्सर के पूर्व अध्यक्ष वरिष्ठ अधिवक्ता राजकुमार तोमर ने भी उपचार के दौरान अंतिम सांसे ले ली। बताया जा रहा है की, राजकुमार तोमर का हरिद्वार के एक अस्पताल में इलाज चल रहा था। पिछले दिनों ही उनकी कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी, जिसके बाद से वो अपने घर पर ही आइसोलेट थे। उसके बाद तबीयत में सुधार न होने पर उन्हें जिले के कोविड अस्पताल में एडमिट कराया गया था।
शनिवार को उनकी भी तबीयत बिगड़ गई, उन्हें भी वेंटिलेटर की जरूरत थी, लेकिन हरिद्वार से रुड़की तक उन्हें कहीं भी वेंटिलेटर नहीं मिला, जिस कारण उनका निधन हो गया। कोरोना का खतरा लगातार बढ़ता ही जा रहा है। आप भी अपने घर पर रहिए, सुरक्षित रहिए। मास्क एवं दो गज दूरी का पालन जरूर करें।
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