बड़ी खबर: चमोली हादसे की असली वजह आई सामने, जानिए क्या कहती है वैज्ञानिकों की स्टडी..

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uttarakhand chamoli disaster was caused by massive rock and ice avalanche

 उत्तराखंड के चमोली जिले में 7 फरवरी को आए भयंकर आपदा ने भारी तबाही मचाई थी। आपको बता दें की,इस सैलाब में दो जलशक्ति परियोजना बर्बाद हो गई थी, और इसके साथ ही पूरे इलाके में 200 से ज्यादा लोग आपदा में समा गए थे। वहीं, अब इस भयंकर हादसे पर 53 वैज्ञानिकों की टीम ने रिसर्च किया है।आपको बता दें की इस शोध से पता चला है कि इस हादसे की जिम्मेदार रोंटी, ऋषिगंगा और धौलीगंगा घाटियों में हिमस्खलन के साथ-साथ एक विशाल चट्टान भी थी। बताया जा रहा है की शोधकर्ताओं ने सैटेलाइट की तस्वीरें, न्यूमेरिकल मॉडल्स, भकंपीय रिकॉर्ड, प्रत्यक्षदर्शियों और वीडियो के आधार पर पाया कि वास्तव में ये घटना रोंटी की चोटी के उत्तरी खड़े हिस्से से एक 27 करोड़ क्यूबिकमीटर की चट्टान के खिसकने और ग्लेशियर की बर्फ के स्खलन होने के कारण हुई थी।

इसके अलावा शोधकर्ताओं का कहना है कि, चमोली की घटियों जैसे खतरनाक इलाकों में ऋषिगंगा और धौलीगंगा परियोजनाओं जैसी मानवीय गतिविधियां ऐसी आपदाओं का जोखिम और बढ़ा देती हैं।साइंसमैग में प्रकाशित इस स्टडी में बताया गया है कि, चमोली हादसे में चट्टान और हिमस्खलन तेजी से एक विशाल मलबे के बहाव में मिल गया, जिसमें 20 मीटर से भी बड़े- बड़े पत्थर धाटी से आ रहे थे, और इसी वजह से तबाही और ज्यादा हो गई। वहीं, साल 2013 में उत्तराखंड के केदारनाथ में हुई थी जिसमें चार हजार लोग लापता हो गए थे।

इस पर भी रिसर्च में शोधकर्ताओं ने सभी उपकरण और आंकड़ों की मदद से इस घटना की वजह को समझने की कोशिश की। घटनास्थल पर कैसे चट्टान में दरार पड़ी? बर्फ उस दरार से पहले कितनी दूरी पर आ चुकी थी इन सबकी जानकारी इकट्ठी की गई। 20 मीटर मोटे ग्लेश्यिर ने दरारों को 500 मीटर चौड़े टुकड़े में बदल दिया और फिर करीब 27 करोड़ क्यूबिक मीटर की चट्टान टूटी और इससे वहां मलबे की एक नदी बन गई जिससे बहाव और तेज हो गया।

बता दें की शोधकर्ताओं का कहना है की उन्होंने वहां के लोगों से बातचीत करी और मीडिया रिपोर्ट के आधार पर पाया कि बड़ी बर्फ की चट्टानें तपोवन हाइड्रोपॉवर साइट की सुरंग में मिली थीं। भारी चट्टान और हिमस्खल के घाटी के तल तक पहुंचने के बाद यह बहाव उत्तर पश्चिम दिशा की ओर बढ़ने लगा और साथ ही घर्षण से बर्फ भी पिघली जिससे बहाव तेज हुआ और देखते ही देखते ये सब कुछ मलबे में बदल गया। ALSO READ THIS:ब्रेकिंग न्यूज़: क्या यूपी का तीन हिस्सों में विभाजन होने जा रहा ? क्या पड़ोसी राज्य उत्तराखंड पर भी पड़ सकता है इसका असर..

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