
उत्तराखंड की बेटियों ने पहले पूरे देश में उत्तराखंड का सिर गर्व से ऊंचा किया है. अब वही बेटियां पूरी दुनिया में उत्तराखंड के साथ-साथ पूरे देश का नाम रोशन कर रही हैं. बीते कुछ दिनों पहले लड़की में एक बहुत ही भयानक भूकंप आया था.
जिसमें कि बहुत से लोगों की जान तक चली गई. हर बार के जैसे इस बार भी भारत मानवता का फर्ज निभाने से पीछे नहीं हटा. भारत में एक अच्छे दोस्त की भूमिका निभाते हुए तुर्की में राहत कार्य को चलाने के लिए ऑपरेशन दोस्त नाम से एक अभियान चलाया.
जिस का हिस्सा उत्तराखंड की एक होनहार बेटी भी बनी. जो कि अपना फर्ज निभाते हुए सभी लोगों की बहुत ज्यादा सेवा कर रही है और अपनी सेवा से पूरे विश्व भर में देश का नाम रोशन कर रही है. देश की उस होनहार बेटी का नाम मेजर डॉक्टर बिना तिवारी है. जो कि उत्तराखंड राज्य के देहरादून की रहने वाली है.
बीना तिवारी की उम्र महज 28 वर्ष है. उन्होंने दिल्ली के आर्मी कॉलेज ऑफ मेडिकल साइंस से ग्रैजुएशन किया है. उनका पूरा परिवार ही देश की सेवा में लगा हुआ है. बीना तिवारी के दादा सेना में सूबेदार थे और पिता 16 कुमाऊं इंफेंट्री में थे जबकि उनके पति मेडिकल ऑफिसर हैं. मेजर बिना तिवारी राहत और बचाव कार्य के लिए तुर्की में कई मेडिकल टीम का हिस्सा थी.
जिसमें की 14 डॉक्टरों और 86 पैरा मेडिक्स वाली भारतीय सेना की मेडिकल टीम में पहाडी एकमात्र महिला अधिकारी थी. तुर्की में भारतीय सेना के अस्पताल शुरू होने के महज 24 घंटे के अंदर ही बिना तिवारी बुजुर्गों और बच्चों के बीच में बहुत ही ज्यादा लोकप्रिय हो गई थी.
उनकी एक फोटो भी वायरल हो रही है जिसमें की एक स्थानीय बुजुर्ग महिला उन्हें गले लगाती हुई नजर आ रही है. तुर्की में किए गए राहत और बचाव वाले काम के लिए भारत और भारतीय सेना की पूरे विश्व भर में बहुत ही ज्यादा सराहना की जा रही है.