देहरादून – मुख्यमंत्री ने मौजूदगी में मुख्यमंत्री आवास में उत्तराखंड कम्पा की बैठक की गई। उत्तराखंड में वनों को लेकर बहुत से खबरें आती रहती है इसी बीच इस बारे में बैठक हुई और जिसमे मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र का कहना था कि वनों के विकास के लिए वनों में आग लगने के कारणों को रोके जाने के प्रयास किए जाएंगे। और साथ इस को देखते हुए अधिकारियों को जिम्मेदारी दी गई है। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र ने निर्देश दिए हैं की वन प्रहरियों की व्यवस्था, वन पंचायत साथ ही एक डेवलपमेंट कमिटी के माध्यम से की जाए और इसके साथ ही वन रक्षक चौकियों, रेस्क्यू सेंटर के निर्माण और बाकी अवस्थापना सुविधाओं के निर्माण कार्यों के लिए आरआईएस और आरडबल्यूडी को शामिल किया जाए ताकि इन सभी निर्माण कार्यों में तेजी लाई जा सके। और इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने हाथियों की सुरक्षा के लिए भी कदम उठाए। उन्होंने कहा कि बिजली के तारों को अंडरग्राउंड किया और इसके साथ – साथ उनकी ऊंचाई बढाई जाए।
उन्होंने कहा कि ग्रामीण इलाकों में लोगों को रोजगार उपलब्ध कराने के लिए जल संरक्षण, नर्सरी विकास, पौधारोपण और इसके साथ सबसे महत्वपूर्ण वन संपत्ति के लिए रोजगार दिया जाए। और भेला, सुसवा, ढेला, पीलखर, और कल्याणी नदियों में जल संरक्षण के कार्य को जल्दी किया जाए।
मुख्यमंत्री का ये भी कहना था की सोलर फेसिंग वन्य जीवों की सुरक्षा को लेकर अच्छा है । और मानव वन्यजीव संघर्ष के रोकथाम के लिए विशेष प्रयास किए जाने चाहिए।
डॉक्टर. हरक सिंह रावत वन मंत्री का कहना है की वन विभाग के द्वारा वन संरक्षण के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। केम्पा के मुख्य अधिकारी जे. एस.सुहाग ने बताया की केम्पा के अनुसार इस वर्ष की कार्य योजना में 225 करोड़ की धनराशि उपलब्ध कराई गई है। हम।लगातर अपने प्रयास कर रहे हैं।