ये घटना मंगलौर कोतवाली क्षेत्र के लहबोली गांव की है। 12 अक्टूबर को अंशुल पुत्र संदीप का जन्मदिन था। वे शेरपुर खेलमऊ थाना झबरेड़ा का रहने वाला है। जन्मदिन के दिन मंजीत अपने बाकी दोस्तो के साथ अंशुल के घर गया था। तब उसने अंशुल को उसकी रिश्तेदारी की एक बहन को पसंद करने की बात बताई। अंशुल ने मंजीत को बहन से दूर रहने के लिए कहा। लेकिन मंजीत नही माना। फिर गुस्से में आकर अंशुल ने 22 अक्टूबर को उसे स्कूल के बाद मिलने के लिए सढौली बुलाया।
यहाँ 11वी क्लास के मंजीत पर अंशुल ने तमंचा तान दिया और जब मंजीत ने भागने की कोशिश की तो उस पर तमंचे से फायर कर दिया। जिससे गोली उसके कमर पर लग गई। फिर उसके बाद मंजीत के सिर से तमंचा सटाकर उसको दूसरी गोली मार दी। और उसकी मौत हो गई। मंजीत के गायब होने की रिपोर्ट उसके परिवार वालो ने पुलिस में दी।
जांच करने के बाद पुलिस को अगले दिन 24 अक्टूबर की शाम मखदूमपुर स्कूल के पीछे गन्ने के खेत से मंजीत का शव बरामद हुआ था। जिसके बाद पुलिस ने पूछताछ में अंशुल और उसके 16वर्षीय नाबालिग दोस्तो को गिरफ्तार कर लिया। हैरान करने वाली बात ये है कि इस हत्याकांड में शिकार होने वाला और कत्ल करने वाले आरोपी कम उम्र के लड़के हैं।
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